5 TIPS ABOUT BAGLAMUKHI SADHNA YOU CAN USE TODAY

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मुद्गरं दक्षिणे पाशं, वामे जिह्वां च विभ्रतीम् । पीताम्बर-धरां सौम्यां, दृढ-पीन-पयोधराम् ।।

९. ॐ ह्लीं श्रीं लृं श्रीअकल्मषायै नमः-दक्ष-गण्डे (कनपटी-सहित दाएँ गाल में)

१८. श्रीभग-लोलायै नमः ऐश्वर्य-लक्ष्मी को नमस्कार।

* श्रीविश्व-सारोद्धार तन्त्र’ में वर्णित उक्त ‘श्रीबगला-मुखी-विश्व-विजय-कवच’ के

नमस्ते बगलां देवीं, शत्रु-वाक्-स्तम्भ-कारिणीम् ।

‘श्रीं ‘ लगाने से कुबेर केसमान वैभव की प्राप्ति होती है।



बालां सत्स्रेक-चञ्चलां मधु-मदां रक्तां जटा-जूटिनीम् ।। शत्रु-स्तम्भन-कारिणीं शशि-मुखीं पीताम्बरोद् भासिनीम् ।

‘विजय’ प्राप्त होती है और ‘पत्नी’ पुत्र-वती होती है।

Equally as a stone sculpture made by an artisan is consecrated and put in in the temple, and it truly is imparted a radiant form of the goddess or deity in order that it becomes respectable, revered, illuminated for click here all, likewise human beings also are fantastic operate godlike artisan, which is analogous into a shifting idol During this earth-like temple.

२७. ॐ ह्लीं श्रीं टं श्रीशिवायै नमः-दक्ष-उरु-मूले (दाई जाँघ एवं कमर के जोड़ में)

गम्भीरां च मदोन्मत्तां, स्वर्ण-कान्ति-सम-प्रभाम् । चतुर्भुजां त्रि-नयनां, कमलासन – संस्थिताम् ।।

११. श्रीभग-मालायै नमः ऐश्वर्य-धात्री-शक्ति को नमस्कार।

प्रसन्नां सुस्मितां क्लिन्नां, सु-पीतां प्रमदोत्तमाम् । सु-भक्त-दुःख-हरणे, दयार्द्रांं दीन-वत्सलाम् ।

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